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गोठान में 12 गायों की मौत

तीन दिन बाद प्रशासन को सिर्फ एक शव मिला

धमधा के गोढ़ी गांव की गोठान में 1 दिसंबर की सुबह 12 गायों की मौत की खबर से खलबली मच गई थी। 3 दिसंबर को इसकी खबर प्रशासन के पास पहुंची, लेकिन 4 दिसंबर को रातोंरात गोठान से गायों के शव गायब कर चुपचाप कहीं दफना दिए गए। सिर्फ एक गाय का शव वहां छोड़ा, जो पूरी तरह सड़-गल चुका था।

गायों की मौत का कारण और शव कहां गए, इसकी पड़ताल करने भास्कर की टीम शुक्रवार को गोढ़ी गांव पहुंची। टीम डोमर सिंह नाम के व्यक्ति से मिली, जिसने रविवार की सुबह सबसे पहले गोठान में शव बिखरे पड़े देखे थे। डोमर ने बताया कि उसने वहां की तस्वीरें खींचकर सरपंच को दिखाई थी। उसे जानकारी मिली है कि 4 दिसंबर की सुबह मृत मवेशियों के शव ट्रैक्टर और जेसीबी में भरकर आस-पास दफना दिए गए हैं।

इस पूरे मामले में सरपंच की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि घटना के दिन की तस्वीरें सच बयां कर रही है। डोमर के मोबाइल फोन के स्क्रीन शॉट भास्कर के पास उपलब्ध है। मिली जानकारी के मुताबिक सरपंच गोपी साहू ने जानकारी मिलने के बाद भी 48 घंटे तक इस मामले को दबाए रखा। 3 दिसंबर को गांव वालों ने पुलिस को इस मामले में लिखित शिकायत दी, इसके बाद शाम को नायब तहसीलदार कुंदन शर्मा मौके पर पर पहुंचे थे। हालांकि उस समय उन्होंने पंचनामा नहीं बनाया।

इसका नतीजा यह हुआ कि पूरे मामले में लीपापोती हो गई। 4 दिसंबर की सुबह नायब तहसीलदार गोठान पहुंचे और वहां एक गाय की मौत बताकर सड़ा-गला शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। भास्कर से बातचीत में भी उन्होंने बताया कि मुझे तो एक ही शव मिला। जबकि एक रात पहले उन्हीं के साथ गोठान पहुंचे गांव के दिनेश साहू के मुताबिक उसने रात में पांच गायों को मृत देखा था, जिसमें लाल रंग के बछड़े व सफेद रंग की गाय का शव ठीक था। शेष के शव क्षत-विक्षत हालत में थे।

फोरेंसिक जांच के लिए नहीं ले पाए विसरा

गाय का पोस्टमार्टम करने वाली डॉ. अल्पना चंद्राकर ने मौत की वजह के पीछे टॉक्सिन की आशंका जाहिर की। शव इतने सड़-गल गए थे कि डॉक्टर गाय के स्टमक, आंत, लीवर आदि (विसरा) कलेक्ट कर फोरेंसिक जांच के लिए नहीं पाई। भास्कर ने इस संदर्भ में नायब तहसीलदार कुंदन शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया निरीक्षण के दौरान गोठान में सिर्फ एक गाय का शव दिखाई दिया था। जिसका अगले दिन पोस्टमार्टम हुआ।

सुबह ट्रैक्टर और जेसीबी के जरिए शवों को दफना दिया

मैंने 1 दिसंबर की सुबह गायों शवों को नोचते कुत्तों के झुंड देख मैं गोठान पहुंचा था। मैंने सबके फोटो खींचकर सरपंच को जानकारी दी थी। दो दिन तक किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। 4 दिसंबर को मुझे पता चला कि कुछ लोगों ने सुबह ट्रैक्टर और जेसीबी के जरिए मृत गायों के कुछ शव पास के विद्युत सब स्टेशन के निकट, कुछ गोठान के पीछे जमीन में दफना दिया है। – डोमर सिंह, (सबसे पहले मृत गायों को शवों जानकारी देने वाला)

नोट: गांव के कोटवार हरिनारायण ने भी 4 से 5 गायों के शव विद्युत सब-स्टेशन के पास और कुछ गोठान में ही दफनाने के बारे में जानकारी दी है।

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